टुकड़ा टुकड़ा जिंदगी

Monday, May 24, 2010

एक पहल bloggers की

मित्रों
सप्ताहांत को सकारात्मक रूप से बिताने के लिए अक्सर कुछ गिज़ा तलाशता रहता हूँ । गत रविवार कुछ bloggers से मिलने का मौका मिला । उनकी सोच और तड़प दोनों को करीब से देखा । काफी पहले अपनी ही लिखी लाइनें बरबस याद आगईं । आखिर हम लिखते क्यों हैं ?
इस सवाल का जवाब सभी तलाश रहे थे । हाँ बस ये अच्छा लगा कि हम bloggers कम अज कम सोच तो रहे हैं और तलाश रहे हैं अपनी जिज्ञासाओं कि वजहें।

बस उम्मीद करता हूँ कि bloggers सवालों के जवाब न सिर्फ अपने लिए तलाशेंगे बल्कि कुछ लोगों के लिए मकसद भी देंगे ।

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