टुकड़ा टुकड़ा जिंदगी

Thursday, October 23, 2008

राज ठाकरेआख़िर आप कैसा भारत चाहते हैं .

प्रिय श्री राज ठाकरे जी
जय महारास्ट्र
आपको खुले पत्र के मध्यम से जय हिंद लिखने वाली कलम भी जय महारास्ट्र लिख रही है। शायद आपके डर से या फिर आपकी अदा से प्रभावित होकर । खैर आप जो भी समझें लेकिन ये सच है की महारास्ट्र के प्रति भी मेरे दिल में प्यार है जीतन। आपके दिल में। मैं तो भारत को इस नजरिये से देखता रहा कि यह एक ऐसा रास्ट्र है जिसका एक अंग महारास्ट्र है लेकिन आपके हालिया कृत्यों ने तो लोगों कि सोच ही बदल दी । अबी ऐसा लगने लगा है कि क्या महारास्ट्र के लोग इतनी क्षुद्र मानसिकता के हो गए हैं। क्या हम दुनिया को गर्व से बता पाएंगे कि हम उस रास्ट्र के वासी हैं जहाँ एक रास्ट्र में महारास्ट्र भी है।
कुछ तो करो भाई , कुछ तो सोचो । हम देश जाती बोली भाषा से परे एक रास्ट्र के वासी भी हैं। हम सबसे बर्ड लोकतंत्र के वासी भी हैं । जहाँ पुरी दुनिया हमारी अनेकता में एकता को उदहारण के रूप में स्वीकार करती है वन्ही ये क्या कर रहे हैं आप? क्या लोगों के संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन करके आप अपने आप को दोसी नही समझते। क्या आप भारत के बजय महारास्ट्र कि जय बोलना फिर भी पसंद करेंगे । यदि हाँ तो शायद आप जय हिंद सुनाने के लायक ही नहीं ।
मैं फिर भी आपको जय हिंद ही कह सकता हूँ क्योंकि मैं किसी भी परिस्थिति में भारत के प्रदेशों को भारत का अंग ही समझता हूँ । जय हिंद में जय महारस्त्र भी शामिल है तो जय बिहार भी ।
janta hun आप को जय हिंद बुरा लग रहा होगा तो लगे । मैं तो जय हिंद ही kahoonga ।
जय हिंद
sudhir के rinten

2 comments:

Unknown said...

raj thakre is working as terrorist

Umesh Pathak / उमेश पाठक said...

बहुत अच्छा सर ! राज ठाकरे कोई अकेला नहीं है ,आज हर महानगर में एक -दो ठाकरे मौजूद हैं ! आपस में मिल कर ही इनसे निपटा जा सकता है !